आज खेती पहले जैसी नहीं रही। मिट्टी की उर्वरता घट रही है, पानी की उपलब्धता कम हो रही है और फसलों की ज़रूरतें बदल रही हैं। ऐसे समय में Water Soluble Fertilizer (WSF) और Chelated Micronutrients किसान के लिए सबसे असरदार समाधान हैं। ये खाद पौधों को वो पोषण देते हैं जो पारंपरिक खादों से तुरंत उपलब्ध नहीं हो पाता।

वाटर सॉल्युबल फर्टिलाइज़र क्या होते हैं?
Water Soluble Fertilizer (WSF) ऐसे रासायनिक खाद हैं जो पूरी तरह पानी में घुल जाते हैं। इन्हें ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर या फोलियर स्प्रे के ज़रिए दिया जा सकता है। इससे पौधों को पोषक तत्व सीधे उनकी जड़ों या पत्तियों तक पहुंचते हैं।
मुख्य उदाहरण:
- NPK (19:19:19)
- NPK (13:00:45)
- MKP (00:52:34)
- MAP (12:61:00)
- Potassium Sulphate (00:00:50)

WSF के मुख्य फायदे
1. तेज़ असर
पौधे तुरंत पोषक तत्व अवशोषित कर लेते हैं।
2. संतुलित पोषण
हर स्टेज पर अलग ग्रेड का उपयोग करके पौधों को जरूरत के अनुसार पोषण देना संभव है।
3. पानी की बचत
ड्रिप और फर्टिगेशन तकनीक से लगभग 40% तक पानी की बचत होती है।
4. मिट्टी की सेहत
पोषक तत्व सीधे पौधे तक जाते हैं, मिट्टी में लवणीयता कम होती है।
5. बेहतर गुणवत्ता
फलों का रंग, आकार और स्वाद बेहतर होता है।
6. कम श्रम
हाथ से खाद डालने की ज़रूरत कम होती है।
अलग-अलग ग्रेड के उपयोग
| फर्टिलाइजर ग्रेड | फसल अवस्था | मुख्य लाभ | अनुशंसित मात्रा |
| MAP (12:61:00) | प्रारंभिक वृद्धि व फूल आने से पहले | जड़ों की मजबूती, बेहतर फूलिंग | 2–3 gm/L |
| MKP (00:52:34) | फूल और फल बनते समय | फलों का आकार, रंग और गुणवत्ता सुधारता है | 2–3 gm/L |
| NPK (19:19:19) | वृद्धि और फूल दोनों अवस्था में | संतुलित पोषण, नई कलियों का विकास | 2–4 gm/L |
| NPK (13:00:45) | फल पकने के समय | फल का रंग, मिठास और वजन बढ़ाता है | 2–3 gm/L |
| Calcium Nitrate | पूरी फसल अवधि | फल फटने से बचाता है, shelf life बढ़ाता है | 1.5–2.5 gm/L |
Chelated Micronutrients क्या हैं?
हर पौधे को केवल NPK नहीं बल्कि सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micronutrients) की भी ज़रूरत होती है — जैसे Iron (Fe), Zinc (Zn), Manganese (Mn), Copper (Cu), Boron (B), Molybdenum (Mo)।
समस्या ये है कि ये तत्व सामान्य रूप में मिट्टी में जल्दी निष्क्रिय हो जाते हैं। इसलिए Chelated fertilizers बनाए जाते हैं, जिनमें ये पोषक तत्व एक “कवर” यानी Chelating Agent से बंधे होते हैं।
इससे वे:
- मिट्टी में निष्क्रिय नहीं होते,
- पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित होते हैं,
- और असर लंबे समय तक बनाए रखते हैं।

EDTA Chelates कैसे काम करते हैं?
EDTA (Ethylenediaminetetraacetic Acid) सबसे आम chelating agent है। जब Iron या Zinc को EDTA से बाँधा जाता है, तो ये मिट्टी में स्थिर रहते हैं और पौधे की जड़ों या पत्तियों द्वारा जल्दी अवशोषित हो जाते हैं।
मुख्य फायदे:
- पौधों की हरियाली (chlorophyll) बढ़ती है।
- पीलापन, पत्तियों पर धब्बे जैसी micronutrient deficiency जल्दी दूर होती है।
- फूल और फल गिरने की समस्या कम होती है।
- पौधे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
EDTA-based Micronutrient Examples
| पोषक तत्व | रूप | मुख्य कार्य | कमी के लक्षण |
| Fe-EDTA (Iron) | Iron Chelate | हरियाली और ऊर्जा उत्पादन | पत्तियों का पीलापन |
| Zn-EDTA (Zinc) | Zinc Chelate | Shoot elongation और enzyme activation | पत्तियां छोटी रह जाती हैं |
| Mn-EDTA (Manganese) | Manganese Chelate | Photosynthesis में मदद | पुराने पत्तों पर धब्बे |
| Cu-EDTA (Copper) | Copper Chelate | रोग-प्रतिरोधक क्षमता | नई पत्तियां मुरझाना |
| Boron (B) | Non-chelated micronutrient | फल और फूल का विकास | फूल गिरना, फल विकृत होना |
किसान के लिए उपयोगी सुझाव

- हमेशा साफ पानी में घोल तैयार करें।
- WSF और micronutrient को एक साथ मिलाने से पहले compatibility जांच लें।
- सुबह या शाम के समय ही फोलियर स्प्रे करें।
- अनुशंसित मात्रा का पालन करें — ज़्यादा मात्रा नुकसान कर सकती है।
- नियमित 15-20 दिन के अंतर पर spray करने से पौधों में निरंतर पोषण बना रहता है।
निष्कर्ष:-
Water Soluble और Chelated fertilizers आधुनिक खेती की रीढ़ बन चुके हैं। इनका सही उपयोग फसल की उपज, गुणवत्ता और मिट्टी की सेहत तीनों में सुधार लाता है।
आज के समय में जो किसान इन तकनीकों को अपनाते हैं, वे मौसम की चुनौतियों के बावजूद भी ज़्यादा उत्पादन और बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं।

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