मध्य प्रदेश डेयरी क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है—यह वह कहानी है जहाँ छोटे-छोटे किसान बड़े सपने देख रहे हैं।

“कल्पना कीजिए—मध्य प्रदेश के छोटे-से गाँव में दूध की लाइनें, हर गाँव का किसान मुस्कुराता हुआ, और राज्य का भविष्य दूध-गाँव से चमकता हुआ। यह केवल कल्पना नहीं, बल्कि अब एक यथार्थ है।”
1. डेयरी सेक्टर में तेज़ी: क्या हो रहा है?
1.1 लक्ष्य: “Milk Capital by 2028”
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि मध्य प्रदेश 2028 तक “Milk Capital” यानी दूध की राजधानी बनेगा। सरकार गाय के दूध की खरीदी में तेजी, बेहतर कीमत और बुनियादी ढांचे के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ा रही है। (Times of India)
1.2 उत्पादन में दुगुना बढ़ावा
स्टेट डेयरी फेडरेशन और NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) के बीच समझौता हुआ है। इसका उद्देश्य है—दूध उत्पादन को वर्तमान 9% से बढ़ाकर 20% तक ले जाना। साथ ही, 50% गाँवों में डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटीज स्थापित करना, ऑटोमैटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम, डिजिटल वैल्यू चेन—यह सब आधुनिक तकनीक के तहत आ रहा है।(The Times of India)

2. 20+ नई योजनाएँ: कहां से शुरू हुआ यह बदलाव?
आइये जानते है कौन सी है वो नईयोजनायें जो मध्यप्रदेश को दूध क्रांति को बढावा देकर उत्पादन में नंबर वन बनाएगी
2.1 डॉ. भीमराव अम्बेडकर कमधेनु योजना
- इस योजना के अंतर्गत डेयरी इकाइयाँ स्थापित करने पर 25–33% तक की सब्सिडी मिलती है।
- इसमें युवा, किसान, स्वयं सहायता समूह सब शामिल हैं, 25–33% लाभ प्राप्त करते हैं। (DairyNews, bharatagritech.org)
2.2 आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना
- पांच मिल्किंग पशुओं या उससे अधिक की डेयरी इकाई स्थापित करने पर 25% (अपर), 33% (SC/ST) तक सब्सिडी—अधिकतम ₹1.5 लाख और ₹2 लाख तक।
- बैंक से 75% तक लोन मिलता है, और सरकार 5% तक का ब्याज—₹25,000 तक, 7 साल के लिए भुगतान करती है।(Govt Schemes)
2.3 अन्य महत्वपूर्ण योजनाएँ
- गोदान न्याय योजना: गोबर खरीद कर ग्रामीणों को फायदा।(Wikipedia)
- भवंतर भुगतान योजना: कृषि उत्पाद के MSP से कम पर किसानों को अंतर की भरपाई।(Wikipedia)
- केंद्रीय योजनाएँ जैसे Rashtriya Gokul Mission, National Dairy Development Programme इत्यादि भी सक्रिय हैं।(Animal Husbandry & Dairying)
- कुल मिलाकर 20+ योजनाओं का जाल फैला है—हर किसान, हर गांव तक पहुंच रही है।

3. एक्सपो का रोल: डेयरी इनोवेशन में नई क्रांति
मध्यप्रदेश में आयोजित विभिन्न प्रकार के एक्सपो या कृषि तकनिकी मेलो के माध्यम से किसान और सरकार की योजनाओ का लाभ आम किसान तक पहुच रहा है | मध्यप्रदेश में आयोजित कृषि उद्योग समागम में कृषि और डेरी इंडस्ट्रीज से जुडी कई योजनाओ को मध्यप्रदेश सरकार ने लागू किया है |
‘कृषि उद्योग समागम 2025’ का उद्देश्य प्रदेश की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से जोड़ते हुए निवेश, नवाचार और नौकरियों के नए द्वार खोलना है। मध्यप्रदेश अब गेहूं, दलहन, तिलहन, दुग्ध उत्पादन से लेकर एग्री-टेक तक कृषि से जुड़ी संभावनाओं का राष्ट्रीय केंद्र बनता जा रहा है। NEWS

मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा कृषि मेला जनवरी 2026 को इंदौर में आयोजित किया जायेगा
जनवरी 2026 में इंदौर में मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा कृषि मेला आयोजित होने जा रहा है, जो किसानों के लिए ज्ञान और अवसरों का अनोखा मंच बनेगा। इस मेले में डेयरी उद्योग, आधुनिक कृषि मशीनरी, बागवानी और ऑर्गेनिक खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीक और जानकारी किसानों तक पहुंचाई जाएगी। तीन दिवसीय इस आयोजन में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण, कार्यशालाएँ और नवाचार प्रदर्शनी आयोजित की जाएंगी, जिससे किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने और अपनी आय बढ़ाने का मार्ग मिलेगा। यह मेला न केवल तकनीकी जानकारी देगा बल्कि किसानों और उद्योग जगत को एक मंच पर जोड़कर कृषि क्षेत्र में नए आयाम खोलेगा।
यह आयोजन 9-10-11 जनवरी २०२६ को कृषि महाविद्यालय मैदान, इंदौर में आयोजित होगा , किसान एवं सभी आगंतुक के लिए यह मेला पुन्तः निशुल्क है फ्री रजिस्ट्रेशन आज ही करवाइए

4. किसान कैसे लाभान्वित हो रहे हैं?
- केंद्रीय + राज्य योजनाओं से वित्तीय सहायता, सब्सिडी, लोन पर ब्याज माफी तक: जूनून और शक्ति।
Infrastructure निवेश: कूलिंग प्लांट, चिलिंग सेंटर, डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट, गोशाला (Kamdhenu Niwas नीति) जैसी परियोजनाएँ पूरक बनीं।(The Times of India) - Breed Improvement: उच्च गुणवत्ता की गाय-बैल, मजबूत ब्रीडिंग नेटवर्क, NDDB के साथ मिलकर नई जैविक-तकनीक का उपयोग।(The Times of India)
- शिक्षा और प्रशिक्षण: प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ में डेयरी तकनीकी और पशुपालन पाठ्यक्रम, extension ऑनलाइन—शिक्षकों और किसानों को जोड़ते हैं।(The Times of India)
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश पैसे से लेकर प्रौद्योगिकी तक, नीतियों से लेकर एक्सपो तक, पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रहा है। 20+ योजनाएँ, NDDB साझेदारी, एक्सपो-सहयोग और किसान-केंद्रित निवेश—मिलकर यह राज्य डेयरी हब बनने की ओर अग्रसर है।
हर बूंद दूध नहीं, यह उम्मीद है। हर योजना, हर एक्सपो, हर किसान की मुस्कान—यह कहानी नए युग की, नए अवसर की। मध्य प्रदेश का डेयरी स्वप्न अब वास्तविकता बन रहा है।